वैदिक पूजा की तैयारी एवं कौन सी पूजन सामग्री कहाँ किस ओर रखें ।। Vedic Pooja ki Taiyari & Poojan Samagri Rakhane Ka Vidhan.
सर्वप्रथम आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आप जिस किसी देवता अथवा देवी का पूजन करने या करवाने जा रहे हों, उस देवता की मूर्ति अपने घर में किसी ऊँचे आसन पर पश्चिमाभिमुख स्थापित करें, ताकि आप पूर्वाभिमुख बैठकर पूजा कर सकें ।।
क्योंकि – सम्मुखे अर्थलाभश्च = सम्मुख बैठकर किसी भी देवता का पूजन करने से धन लाभ होता है ।।
अगर आपको केवल गणेश पूजन करना हो तो अन्य किसी देव प्रतिमा की आवश्यकता नहीं पड़ती । लेकिन अगर किसी अन्य देवी अथवा देवता का पूजन आपको करना हो तो गणेश जी के पूजन के बिना आप किसी की भी पूजा नहीं कर सकते ।।
Poojan Samagri kaise Rakhen
अत: सबसे उपर प्रधान देवता की स्थापना करें, तथा सामने उससे थोडा सा नीचे उच्चासन पर ही श्री गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें ।।
पूजन की किस वस्तु को किधर रखना चाहिये, इस बातका भी शास्त्र ने निर्देश दिया है । इसके अनुसार वस्तुओं को यथास्थान सजा देना चाहिये ।।
बायी ओर – सुवासित जल से भरा उदकुम्भ (जलपात्र) रखें, घंटा, धूपदानी (धुप या अगरबत्ती) तथा तेलका दीपक भी बायीं ओर ही रखे ।।
दायीं और – घृत का दीपक और सुवासित जलसे भरा शङ्ख ।।
सामने – कुङ्कुम (केसर) और कपूर के साथ घिसा गाढ़ा चन्दन, पुष्पादि तथा चन्दन किसी पात्र में सम्मुख ही रखें लेकिन ताम्रपात्रमें न रखे ।।
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