इस श्रीसूक्तम् का पाठ करना अत्यंत उत्तम माना गया है । वैसे इसका कभी भी पाठ किया जा सकता है । माता लक्ष्मी की पूजा, आरती के उपरान्त इस श्रीसूक्त का पाठ करना चाहिये ।।
इसका पाठ आपकी दरिद्रता और आर्थिंक परेशानियों का सदा के लिये अंत कर देता है । इतना ही नहीं, इसके सच्चे ह्रदय एवं श्रद्धा के साथ नित्य पाठ करने से मनुष्य की आयु बढती है और वह धन-धान्य से परिपूर्ण हो जाता है ।।
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